Tuesday, 31 December 2013

एक दिन बेटा नाम करेगा

पिता ने जब  सुना
शहर की पढ़ाई के बारे में
रख दिया गिरवी
पुश्तैनी खेत
और भेज दिया
शहर के बड़े हॉस्टल
अपने बेटे को
  
जब पढ़ानी थी, इंजीनियरिंग
पिता ने बेच दिया 
गाँव का पुश्तैनी मकान  

फिर जब
नौकरी नहीं मिली
और खड़ा करना चाहा
बेटे ने खुद का व्यवसाय
पिता ने बेच डाला
बचा-खुचा भी
ये सोच कर
एक दिन बेटा नाम करेगा ।

व्यवसाय चल पड़ा तो शादी भी कर दी
बड़ा नाम है, इंजीनियर साहब का
शहर के बड़े ठेकेदार भी हैं
पिता के साथ-साथ 
रोशन कर रहे हैं
गाँव का नाम भी
अरे!! बड़े फरमाबरदार  हैं
इंजीनियर साहब
अपने व्यस्त शिड्यूल से 
हर माह 
वक्त निकाल लेते हैं
वृद्ध आश्रम में
माँ-बाप से मिलने
सपरिवार ज़रूर जाते हैं।

2 comments:

  1. हो जग का कल्याण, पूर्ण हो जन-गण आसा |
    हों हर्षित तन-प्राण, वर्ष हो अच्छा-खासा ||

    शुभकामनायें आदरणीय

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    1. रविकर जी नए वर्ष की शुभकामनायें ।

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