तैयार किए गए
कुछ रोबोट
डाले गए
नफरत के प्रोग्राम
चार्ज किए गए
हैवानियत की बैटरी से
फिर भेज दिये
गए
इंसानों की बस्ती में
फैलने आतंक
ये और बात है
इंसानियत ज़िंदा रही
हार गए हैवान
नहीं डरा सके हमें
न हीं कमज़ोर कर सके
हमारा आत्मविश्वास
और फिर
नष्ट कर दिया गया
आखिरी रोबोट भी
हम खुश ज़रूर हैं
पर जब तक जिंदा हैं
रोबोट बनाने वाले हाथ
इंसानियत के दुश्मन आज़ाद हैं
और हमारी मंज़िल
अभी दूर है
ये और बात है
ReplyDeleteइंसानियत ज़िंदा रही
हार गए हैवान
नहीं डरा सके हमें
न हीं कमज़ोर कर सके
हमारा आत्मविश्वास
बेहद सशक्त भाव अभिव्यक्ति के
बहुत शुक्रिया बहुमूल्य कोमेंट्स के लिए कृपया visit करते रहें।
DeleteKhubsoorat bav nadir ji....
ReplyDeleteThanks for landing on my blog, visit again :)
http://apparitionofmine.blogspot.in/
बहुत शुक्रिया नुपुर जी, विजिट करने और कोमेंट्स के लिए आभार ।
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