Friday, 30 November 2012

मंज़िल अभी दूर है


तैयार किए गए
कुछ रोबोट
डाले गए
नफरत के प्रोग्राम
चार्ज किए गए
हैवानियत की बैटरी से
फिर भेज दिये  गए 
इंसानों की बस्ती में
फैलने आतंक

ये और बात है
इंसानियत ज़िंदा रही
हार गए हैवान
नहीं डरा सके हमें
न हीं कमज़ोर कर सके
हमारा आत्मविश्वास

और फिर
नष्ट कर दिया गया
आखिरी रोबोट भी
हम खुश ज़रूर हैं
पर जब तक जिंदा हैं
रोबोट बनाने वाले हाथ
इंसानियत के दुश्मन आज़ाद हैं
और हमारी मंज़िल
अभी दूर है

4 comments:

  1. ये और बात है
    इंसानियत ज़िंदा रही
    हार गए हैवान
    नहीं डरा सके हमें
    न हीं कमज़ोर कर सके
    हमारा आत्मविश्वास
    बेहद सशक्‍त भाव अभिव्‍यक्ति के

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    1. बहुत शुक्रिया बहुमूल्य कोमेंट्स के लिए कृपया visit करते रहें।

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  2. Khubsoorat bav nadir ji....

    Thanks for landing on my blog, visit again :)
    http://apparitionofmine.blogspot.in/

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    1. बहुत शुक्रिया नुपुर जी, विजिट करने और कोमेंट्स के लिए आभार ।

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