वज़्न 2122 2122 2122
फाग आया आओ हम होली मनायें
नफ़रतों को होलिका में अब जलायें //1
होलिका से अम्न का दीपक जलाकर
झूठी चालों, साजिशों को भी मिटायें //2
अब जगा दें, सो चुकी इंसानियत को
दुनिया को रंगीन हम सबकी बनायें //3
पाठ सबको भाई चारे का पढ़ाकर
देश के सम्मान को ऊँचा उठायें //4
प्यार का पिचकारियों में रंग भरकर
फूल अब इंसानियत के हम खिलायें //5
ऊँचा नीचा है न कोई, गोरा काला
विश्व को हम एकता का सुर सुनायें //6
मन के सच्चे है सभी बच्चे हमारे
संग इनके नाचें गायें खिलखिलायें //7
सुन्दर गज़ल ... होली का असल मतलब समझाती ..
ReplyDeleteआदरणीय बहुमूल्य टिप्पणी के लिए आभार ....
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