Wednesday, 19 March 2014

फाग आया आओ हम होली मनायें

 वज़्न   2122    2122     2122
फाग आया आओ हम होली मनायें
नफ़रतों को होलिका में अब जलायें //1

होलिका से अम्न का दीपक जलाकर  
झूठी चालों, साजिशों को भी मिटायें //2

अब जगा दें, सो चुकी इंसानियत को
दुनिया को रंगीन हम सबकी बनायें //3

पाठ सबको भाई चारे का पढ़ाकर
देश के सम्मान को ऊँचा उठायें //4

प्यार का पिचकारियों में रंग भरकर
फूल अब इंसानियत के हम खिलायें //5

ऊँचा नीचा है न कोई, गोरा काला
विश्व को हम एकता का सुर सुनायें //6

मन के सच्चे है सभी बच्चे हमारे
संग इनके नाचें गायें खिलखिलायें  //7

2 comments:

  1. सुन्दर गज़ल ... होली का असल मतलब समझाती ..

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  2. आदरणीय बहुमूल्य टिप्पणी के लिए आभार ....

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