Thursday, 20 March 2014

छन्न पकैया छन्न पकैया, खेले हैं सब होली


छन्न पकैया छन्न पकैया, खेले हैं सब होली
मस्ती में है झूमे कैसे, मस्तानों की टोली  

छन्न पकैया छन्न पकैया, होवै खूब बधाई
धूम धड़ाका करते हैं सब, कहते होली आई  

छन्न पकैया छन्न पकैया, खेल रहे सब होली
झूम उठे हैं नर नारी अब, करते हँसी ठिठोली 

छन्न पकैया छन्न पकैया, मौसम बड़ा सुहाना
खूब बजाते ढ़ोल मजीरा, खूब सुनाते गाना

 छन्न पकैया छन्न पकैया, दिल से गले लगाते
होली का संदेश सुनाकर, सबको ही हर्षाते 

छन्न पकैया छन्न पकैया,  देखो फागुन आया
तरह तरह की बनी मिठाई, सब का मन ललचाया 

6 comments:

  1. वाह .......... अनुपम शब्‍दों का संगम

    ReplyDelete
  2. छन्न पकैया छन्न पकैया, खेल रहे सब होली
    झूम उठे हैं नर नारी अब, करते हँसी ठिठोली ..
    वाह .. बहुत ही सुन्दर भाव और शब्द संयोजन ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय दिगंबर जी ब्लॉग मे आने और बहुमूल्य टिप्पणी के लिए आभार ....

      Delete
  3. छन्न पकैया छन्न पकैया, खेल रहे सब होली
    झूम उठे हैं नर नारी अब, करते हँसी ठिठोली .
    वाह... ऐसे छंद अब मिलते कहाँ है... भोजपुरिअ फूहड़ गीत ही छाए रहते है मेरे भी ब्लॉग पर आये

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय पाण्डेय जी ..

      Delete