दीवार (एक)
ज़रूरी है
घर के लिए
दीवार का होना
पर
घर के लोगों के लिए
कभी
दीवार मत होना ।
दीवार (दो)
दीवारें ख़ामोश
हैं
कुछ बोलतीं नहीं
कोई सवाल नहीं
करतीं
दीवारें
छत का सहारा
बनना चाहती हैं
दीवारें घरों के
बीच
दीवार बनकर
नहीं रहना
चाहतीं ।
दीवार (तीन)
दीवारें लाचार
हैं
दीवारों का अपना
कोई नहीं
उन्हें दूसरी
दीवारों पर भी
अब यकीन नहीं
न जाने कब
कौन सी दीवार
उन्हें समेट ले
अपने में मिला
ले
और उनका
अस्तित्व
ख़त्म कर दे
दीवारें दुखी
हैं
उनमें
ख़ुद का भार
उठाने की ताकत
नहीं बची
जब चाहे
जो चाहे
दीवार बना देता
है
और वे
कुछ नहीं कर
पातीं
दीवारें असहाय
हैं
उनकी कोई नहीं
सुनता
उनका दर्द
कोई नहीं समझता
दीवारें
दीवार नहीं बनना
चाहतीं
इंसानों के बीच
तो
हरगिज़ नहीं
फ़िर
सिवाय ढ़हने के
वो कुछ नहीं कर
पातीं ।
दीवार (चार)
दीवारें चाहती
हैं
उन पर छत बने
दीवारें नहीं
चाहतीं
दीवारों के बीच
दीवार बनें
दीवारें परेशान
हैं
दीवारें सकरी
होती जा रही हैं
पास-पास होती जा
रही हैं
यहाँ तक की
दीवारों के
अन्दर
दीवारें
बनती जा रही हैं
।
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