बरगद के पेड़ पर
बना रही थी चिड़िया
देर तक
घोंसला
भीग कर पानी में
भूल कर भूख को
कुछ दिनों बाद
मैंने देखा
चोंच में दबाकर
लाते हुये दाना
चिड़िया को
कुछ दिनों बाद
मैंने सिखाते देखा
बच्चों को उड़ना
चिड़िया द्वारा
और कुछ दिनों बाद
उड़ गए बच्चे
मिल गए
दूसरे पक्षियों के साथ
रह गया
वही पेड़
वही चिड़िया |
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