किताबों में बहुत कुछ होता है, और भी बहुत कुछ हो सकता है। किताबों को सम्मान दें, अच्छी बातें लिखें प्यार और भाईचारा लिखें, किताबें नहीं चाहती उनके अंदर नफरतें लिखीं जाएँ । ................... "नादिर अहमद ख़ान"
खूबसूरत हाइकु
शुक्रिया संगीता जी आभार
खूबसूरत हाइकु
ReplyDeleteशुक्रिया संगीता जी
Deleteआभार