(एक)
श श् श् श्...
सच बोलना मना है!
सरकारें
नशे में हैं
खलल की सज़ा
जेल की सलाखें
या फिर
सजाये मौत
विकल्प आपका ।
(दो)
नेता जी की आम-सभा
कृपया यहाँ
सवाल न पूछें
सिर्फ
उनकी सुनें
कुछ पूछने की गलती
न करें
नेता जी सत्ता के नशे में हैं
सवाल पूछना निषेध है ।
:):) बहुत खूब ...
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया संगीता जी ।
ReplyDeleteकभी कभी अख़बार की सुर्खियाँ पढ़कर
अनायास कुछ शब्द बाहर आ जाते है ।
जिन्हे मैंने अपने ब्लॉग के माध्यम से उठाने की कोशिश की
अपने पसंद किया लिखना सार्थक हुआ ।
सार्थक और सटीक रचना...
ReplyDeleteब्लॉग में आने और वैल्यूएबल टिप्पणी के लिए बहुत आभार
ReplyDeleteकृपया विजिट करते रहें।