Sunday, 7 October 2012

आम सभा


  (एक)

श श् श् श्...
सच बोलना मना है!
सरकारें  नशे में हैं  
खलल की सज़ा
जेल की सलाखें
या फिर
सजाये मौत
विकल्प आपका ।

    (दो)

नेता जी की आम-सभा
कृपया यहाँ
सवाल न पूछें
सिर्फ
उनकी सुनें
कुछ पूछने की गलती
न करें
नेता जी सत्ता के नशे में हैं
सवाल पूछना निषेध है ।

4 comments:

  1. बहुत शुक्रिया संगीता जी ।
    कभी कभी अख़बार की सुर्खियाँ पढ़कर
    अनायास कुछ शब्द बाहर आ जाते है ।
    जिन्हे मैंने अपने ब्लॉग के माध्यम से उठाने की कोशिश की
    अपने पसंद किया लिखना सार्थक हुआ ।

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  2. सार्थक और सटीक रचना...

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  3. ब्लॉग में आने और वैल्यूएबल टिप्पणी के लिए बहुत आभार
    कृपया विजिट करते रहें।

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